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अमृत कुम्भ-2013, पृष्ठ – 11

AMRIT KUMBH - 2013
AMRIT KUMBH - 2013
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”विश्वशास्त्र“ का विषय-प्रवेश

01. प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
02. पुस्तक का मुख-पृष्ठ श्याम (काला) -श्वेत (सफेद) क्यों?
03. शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी
04. विश्व या जगत्
05. ब्रह्माण्ड या व्यापार केन्द्र: एक अनन्त व्यापार क्षेत्र
06. ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति
07. ब्लैक होल और आत्मा
08. सौर मण्डल
09. पृथ्वी
10. शुक्रवार,21 दिसम्बर,2012 ई. के बाद शनिवार,22 दिसम्बर,2012 ई. से पाँचवें,
प्रथम और अन्तिम स्वर्णयुग का आरम्भ
अ. हिन्दू शास्त्र व मान्यता के अनुसार
1. वेद व पुराण के अनुसार
2. पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य के अनुसार
3. अन्य के अनुसार
ब. बौद्ध धर्म के अनुसार
स. यहूदी शास्त्र के अनुसार
द. ईसाई शास्त्र के अनुसार
य. इस्लाम शास्त्र के अनुसार
र. सिक्ख धर्म के अनुसार
ल. मायां कैलण्डर के अनुसार
व. विभिन्न भविष्यवाणीयाँे के अनुसार
ष. उपरोक्त आँकड़ों पर व्याख्या
ह. काल और युग परिवर्तक कल्कि महाअवतार
श. कल्कि अवतार और अन्य स्वघोषित कल्कि अवतार
ज्ञ. कल्कि अवतार और लव कुश सिंह ”विष्वमानव“
11. विश्व का सर्वोच्च आविष्कार-मन का विश्वमानक तथा
पूर्णमानव निर्माण की तकनीकी
1. आविष्कार क्यों हुआ?
2. आविष्कारक कौन है?
क. भौतिक रूप से
ख. आर्थिक रूप से
ग. मानसिक रूप से
घ. नाम रूप से
च. समय रूप से
4. आविष्कार विषय क्या है?
5. आविष्कार की उपयोगिता क्या है?
3. आविष्कार किस प्रकार हुआ?
12. व्यवस्था का परिवर्तन या व्यवस्था का सत्यीकरण
13. विष्वशास्त्र की रचना क्यों?
14. विष्वशास्त्र: कितना छोटा और कितना बड़ा?
15. एक ही ”विश्वशास्त्र“ साहित्य के विभिन्न नाम
16. भूमिका
17. शास्त्र-साहित्य समीक्षा
18. विश्व समाज को अन्तिम सार्वभौम-सत्य संदेश
19. मानवों के नाम खुला चुनौती पत्र
20. शास्त्र – संगठन और उसका दर्शन

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