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अमृत कुम्भ-2013, पृष्ठ – 35

AMRIT KUMBH - 2013
AMRIT KUMBH - 2013
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एक ही ”विश्वशास्त्र“ साहित्य के विभिन्न नाम

धर्म क्षेत्र से नाम

01.कर्मवेद 02.शब्दवेद 03.सत्यवेद 04.सूक्ष्मवेद 05.दृश्यवेद 06. पूर्णवेद 07.अघोरवेद 08.विश्ववेद 09.ऋृषिवेद 10.मूलवेद 11.शिववेद 12.आत्मवेद 13.अन्तवेद 14.जनवेद 15.स्ववेद 16.लोकवेद 17. कल्किवेद 18.धर्मवेद 19.व्यासवेद 20.सार्वभौमवेद 21.ईशवेद 22.ध्यानवेद 23.प्रेमवेद 24.योगवेद 25.स्वरवेद 26.वाणीवेद 27.ज्ञानवेद 28.युगवेद 29.स्वर्णयुगवेद 30.समर्पणवेद 31.उपासनावेद 32. शववेद 33.मैंवेद 34.अहंवेद 35.तमवेद 36.सत्वेद 37.रजवेद 38.कालवेद 39.कालावेद 40.कालीवेद 41.शक्तिवेद 42.शून्यवेद 43.यथार्थवेद 44.कृष्णवेद सभी प्रथम, अन्तिम तथा पंचम वेद 45.कर्मोपनिषद् – अन्तिम उपनिषद् 46.कर्म वेदान्त 47.धर्मयुक्त धर्म शास्त्र 48.ईश्वर 49.ईश्वर का संक्षिप्त इतिहास 50.ईश्वर-शास्त्र 51. पुनर्जन्म 52.श्री लवकुशःपूर्ण प्रेरक अन्तिम कल्कि अवतार 53. भोगेश्वरःयोगेश्वर समाहित 54.पूर्णदृश्य-मैं 55.बहुरूप में एक 56. ईश्वर का मस्तिष्क 57.सत्य-शिव-सुन्दर 58.विश्वभारतःसार्वजनिक प्रमाणित महाभारत 59.विश्व-पुराण 60.विश्व-धर्मःसर्वधर्म समाहित 61.विश्व-कलाःकृष्ण-कला समाहित 62.विश्व-गुरू 63.विश्व भक्ति 64.सत्य-पुराण 65.सत्य-धर्म 66.सत्य-कलाःकृष्ण-कला समाहित 67.सत्य-गुरू 68.सत्य भक्ति 69.सत्यकाशीःपंचम, सप्तम और अन्तिम काशी 70.द्वारिकाःस्वर्णयुग का प्रवेश द्वार 71.कृष्ण निर्माण योजना 72. बुड्ढा कृष्ण: कृष्ण का भाग दो और अन्तिम 73.धारा और राधा 74.शिवद्वारःशिवयुग का प्रवेश द्वार 75. जीव का शिव में निर्माण 76.सत्व-रज-तम: राम-कृष्ण-लवकुश 77. लवकुशःसेतू या से तू 78.भोग मायाःयोग माया समाहित 79.मैं हूँ तैतीस करोड़ 80.अर्धनारीश्वर 81. काल-काली-काला 82. सृष्टि-स्थिति-प्रलय और सृष्टि 83.पशुपास्त्रःब्रह्मास्त्र व नारायणास्त्र समाहित 84.पुराण पुरूषः सर्वोच्च व अन्तिम 85.पुराणःसर्वोच्च व अन्तिम 86.धर्मःसर्वोच्च व अन्तिम 87.आत्माःसर्वोच्च व अन्तिम 88.गुरूःसर्वोच्च व अन्तिम 89.महायज्ञःसर्वोच्च व अन्तिम 90.तीसरा नेत्र

धर्मनिरपेक्ष व सर्वधर्मसमभाव क्षेत्र से नाम

1.मार्ग 2.बुद्धि 3.अहंकार 4.व्यापार 5.महत्वाकांक्षा 6.युग पुरूष 7.शंखनाद 8.उपासना 9.योग 10.मानक 11.एजेण्डा 12.कला 13.ध्यान 14.समर्पण 15.लीला 16.समन्वयाचार्य 17.दर्पण 18.मन 19.शिक्षा 20.रूप 21.विश्वमानव 22.बुद्धि 23.चेतना 24.प्रकाश 25.दृष्टि 26.मार्ग 27.राजनीति 28.एकता 29.शान्ति 30.सेवा 31.भक्ति 32.बन्धुत्व 33.जातिवाद 34.अहंकार 35.दर्शन, सभी सर्वोच्च व अन्तिम 36.विकास-दर्शन 37.विनाश-दर्शन 38.एकात्मकर्मवाद 39.मस्तिष्क परावर्तक (ब्रेन टर्मिनेटर) 40.धर्मनिरपेक्ष धर्म शास्त्र 41.लोकतंत्र धर्म शास्त्र 42. लोक-शास्त्र 43.जन-शास्त्र 44.स्व-शास्त्र 45.लोक नायक शास्त्र 46. यथार्थ-प्रकाश 47.लोक/जन/स्व तंत्र 48.एकात्म विज्ञान 49.मानक विज्ञान 50.पूर्ण ज्ञान 51.कर्म ज्ञान 52.जय ज्ञान-जय कर्म ज्ञान 53. विश्व-उपासना 54.विश्व-योग 55.विश्व-मानक 56. विश्व-राष्ट्र-जन एजेण्डा 57.विश्व-ध्यान 58.विश्व-समर्पण 59. विश्व-लीला 60.विश्व-आत्मा 61.विश्व-समन्वयाचार्य 62. विश्व-दर्पण 63.विश्व-मन 64.विश्व-शिक्षा 65.विश्व-रूप 66. विश्वमानव – विश्वमन से युक्त 67.विश्व-बुद्धि 68.विश्व-चेतना 69. विश्व-प्रकाश 70.विश्व-दृष्टि 71.विश्व-मार्ग 72. विश्व-राजनीति 73. विश्व एकता 74.विश्व शान्ति 75.विश्व सेवा 76.विश्व महायज्ञः सार्वजनिक प्रमाणित दृश्य 77.विश्व-बन्धुत्व 78.विश्व जातिवाद 79. विश्व अहंकार 80.सत्य-भारत 81.सत्य-उपासना 82.सत्य-योग 83.सत्य-ध्यान 84.सत्य-मानक 85.सत्य-राष्ट्र-जन एजेण्डा 86. सत्य-ध्यान 87.सत्य-समर्पण 88.सत्य-लीला 89.सत्य-आत्मा 90. सत्य-समन्वयाचार्य 91.सत्य-दर्पण 92.सत्य-मन 93.सत्य-शिक्षा 94. सत्य-रूप 95.सत्य-मानवःसत्य-मन से युक्त 96. सत्य-बुद्धि 97. सत्य-चेतना 98.सत्य-प्रकाश 99.सत्य-दृष्टि 100.सत्य-मार्ग 101. सत्य-राजनीति 102.सत्य एकता 103.सत्य शान्ति 104.सत्य सेवा 105.सत्य महायज्ञःसार्वजनिक प्रमाणित दृश्य 106.सत्य-बन्धुत्व 107. सत्य जातिवाद 108.सत्य अहंकार 109.स्वर्णयुग का प्रथम मानव 110. मात्र यही हूँ-मानो या ना मानो 111.पाँचवा और अन्तिम सूर्य 112. चक्रान्त – चक्र का अन्त 113.दिव्य-दृष्टि 114.दिव्य-रूप 115. दृश्य-योग 116.दृश्य-ध्यान 117.ज्ञान बम 118.आध्यात्मिक न्यूट्रान बम 119. सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त 120.मानक एवं मन का विश्व मानक और पूर्ण वैश्विक मानव निर्माण की तकनीकी 121.मन का ब्रह्माण्डीयकरण 122. सार्वभौम दर्पण- व्यक्ति से ब्रह्माण्ड तक 123.सम्पूर्ण क्रान्ति-प्रथम, अन्तिम और सर्वोच्च क्रान्ति 124. सामाजिक अभियंत्रण (सोशल इंजिनीयरींग) 125.सन् 2012ःपाँचवें और अन्तिम स्वर्ण युग का आरम्भ वर्ष 126.आध्यात्मिक ब्लैक होल 127.तख्तापलट 128.एक आवाज, मधुशाला से 129.आॅकड़ा (डाटा) 130.मंथन रत्न 131.काला किताब 132.पूर्ण सकारात्मक विचार 133.विश्व संविधान का आधार 134. एक अलग यात्रा 135.समभोगःएकात्म भाव से भोग 136.सर्वजन हिताय – सर्वजन सुखाय 137.वसुधैव कुटुम्बकम् 138.सर्वेभवन्तु सुखिनः 139.अगीतांजलि 140.सत्य शास्त्र
उपरोक्त नाम क्यों हैं, इसकी व्याख्या शास्त्र के अध्याय-5 में दी गयी है।

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